वसूली के कॉल सेंटर की तरह चलता था डीपी सिंह का मधुबन होटल
डीपी सिंह का मधुवन होटल और मनीष सिंह का सिब्बू ढाबा ट्रकों की वसूली से लेकर गाड़ियों की एंट्री कराने तक के लिए कॉल सेंटर की तरह से चलता था। दिन-रात की शिफ्ट में यहां काम करने वाले कर्मचारी न सिर्फ रजिस्टर मेंटेन करते थे बल्कि ओवरलोडिंग की जितनी गाड़ियां निकलती थी उसकी जानकारी व्हाट्सएप और फोन करके दी जाती थी।
इन कर्मचारियों के नम्बर पर एक-एक रात में 200 से ज्यादा कॉल आती थीं। ट्रक लेकर जैसे ही किसी जिले में चालक एंट्री करता डीपी सिंह के कॉल सेंटर में मौजूद कर्मचारियों को सूचना हो जाती। उसके बाद वह कर्मचारी तत्काल उस जिले के आरटीओ विभाग के अधिकारी या फिर कर्मचारी से सम्पर्क कर सूचना देता। वहां से हरी झंडी मिल जाती तो ठीक नहीं तो गाड़ी को सड़क के किनारे खड़ी करने के बाद निकलने का समय बताया जाता था। यह तब होता था जब लखनऊ की टीम जांच करने पहुंची होती थी।