चार साल पहले कराया काम अब मांगा शासन से बजट
बाढ़ खंड देवरिया की ओर से वर्ष 2015-16 में फर्म से दो अनुबंध कर गोर्रा नदी पर बने तटबंध पर काम कराया। अधिशासी अभियंता की रिपोर्ट के बाद भी भुगतान के लिए ठेकेदार कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। इसी तरह से दिल्ली की एक फर्म ने ड्रेनेज खंड 2 संतकबीर नगर में 2013-14 में सरयू नदी के किनारे मदरहा-बेहराडाड़ी बंधे पर तय समय के भीतर काम कराया। लेकिन चार साल बाद फर्म का एक करोड़ 23 लाख भुगतान होना बाकी है। आर्बिटर की जांच के बाद 21 जनवरी 2018 को निर्णय दिया गया कि काम पूरा हो चुका है।
कई ऐसे मामले हैं जिनमें फर्मों ने चार-पांच साल पहले काम करा दिया लेकिन भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि विभाग द्वारा चार साल पहले कराए जा चुके काम के लिए शासन से अब बजट की मांग की जा रही है। किसी ठेकेदार का 20 लाख तो किसी-किसी के 2-4 करोड़। परेशान ठेकेदार अब विभागीय अधिकारियों से भुगतान के लिए गुहार लगा रहे हैं। ठेकेदार राजीव पांडेय राजू, विनोद राय, भूपेश दुबे आदि ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा है। आदर्श पूर्वांचल ठेकेदार संघ के अध्यक्ष शरद सिंह का कहना है कि उन्होंने 14 सितम्बर 2019 को मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। ठेकेदार करोड़ों रुपये लगाकर शासन की योजनाओं को पूरा कराने में मदद करें और भुगतान न पाए तो उसके सामने क्या विकल्प रह जाएगा।
आखिर कहां जाए ठेकेदार : ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि ठेकेदारों की समस्याएं विभागों के अधिकारी कब महसूस करेंगे। कब उन्हें इस बात का अहसास होगा कि शासन की मंशा और अफसरों के भरोसे के अनुरूप काम करने के लिए ठेकेदार पसीना बहाता है। उधारी लेकर भी काम समय से पूरा कराता है। यदि विभाग काम कराने के बाद भुगतान ही नहीं करेगा तो ठेकेदार कहां जाएगा।
फर्म और ठेकेदार को चाहिए कि वे अपना आवेदन कार्यालय में जमा करें। उस पर जांच की जाएगी। जो भी उचित होगा उनकी समस्या का निदान किया जाएगा।